शिलाजीत के यह लाभ नहीं जानते होंगे आप

 शिलाजीत क्या है:


 टेस्टोस्टेरोन (Low testosterone), भूलने की बीमारी (अल्जाइमर), क्रोनिक थकान सिंड्रोम, आयरन की कमी से होने वाला रक्ताल्पता, पुरुष प्रजनन क्षमता में कमी (पुरुष बांझपन /Male infertility) अथवा हृदय के लिए लाभदायक है ।

शिलाजीत एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज पदार्थ है जो भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय और हिंदुकुश पर्वतमाला में पाया जाता है। यह एक दुर्लभ राल है जो पौधों और पौधों की सामग्री के हजारों वर्षों के अपघटन द्वारा बनाई गई है। यह फंसा हुआ पौधा पदार्थ फिर चट्टानों से भूरे से काले चिपचिपे गोंद जैसे पदार्थ के रूप में निकलता है। आयुर्वेद भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली लंबे समय से अपने स्वास्थ्य-निर्माण गुणों के लिए शिलाजीत का उपयोग कर रही है। शिलाजीत का उल्लेख चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में मिलता है जिसमें इसे "सोने की तरह धातु के पत्थर" और एक जिलेटिन पदार्थ के रूप में कहा जाता है। आयुर्वेद में शिलाजीत को समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में शिलाजीत के लाभों का चर्चा करते हुए एक "रसायन" (टॉनिक) माना जाता है। वास्तव में शिलाजीत नाम का अनुवाद "पहाड़ों को जीतने वाला और कमजोरी का नाश करने वाला" है। सदैव की भांति आधुनिक विज्ञान को अभी भी इस प्राकृतिक आश्चर्य का पता लगाने की आवश्यकता है।

 शिलाजीत कम 

शिलाजीत खाने के फायदे- 

खून की कमी में फायदेमंद ...

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद ...

डायबिटीज में फायदेमंद ...

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में उपयोगी ...

थकान में फायदेमंद ...

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर में सुधार ...

अर्थराइटिस में फायदेमंद


सावधानियाँ:    

  👉 धातु भस्म, पारे से बनी दवाई, रत्न और अन्य उपरत्नों की भस्म को बहुत अधिक समय तक प्रयोग नही करना चाहिए। इनका प्रयोग एक माह तक करना पर्याप्त होता है, अतः शिलाजीत का भी प्रयोग एक साथ एक माह तक ही करना चाहिये। इसके बाद कुछ काल का अंतर देकर पुनः प्रयोग किया जा सकता है।   

   

👉 थेलिसिमिया के रोगी को सावधानी रखनी चाहिए ,क्योंकि इसमे आइरन (लौह) की मात्र पर्याप्त होती है। 

 

👉 जिनका URIC एसिड बढ़ा हो, सावधानी रखनी चाहिए।    

   

👉  कच्चा (RAW) शिलाजीत मानवीय प्रयोग के लिए अनुचित माना जाता है।   

👉बिना वैध्यकीय सलाह के इसका प्रयोग न करें ।

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