लक्षण:
दिन भर और खासकर सुबह के समय उदासी.
लगभग हर दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना।
एकाग्र रहने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना।
लगभग हर रोज़ बहुत अधिक या बहुत कम सोना।
सारी गतिविधियों में नीरसता आना।
बार-बार मृत्यु या आत्महत्या के विचार आना।
बैचैनी या आलस्य महसूस होना।
अचानक से वजन बढ़ना या कम होना।
अगर आपके किसी परिचित या आपको डिप्रेशन है तो आप इस तरह उस व्यक्ति और अपनी सहायता कर सकते है-
. खुद को सदा व्यस्त रखे
_खुद को हलके फुल्के कार्यो में बिजी कर दे जिससे आपका मनोरंजन हो और आपको ख़ुशी मिले।
_जैसे की कोई स्पोर्ट गेम ,अपनी रूचि के अनुसार धार्मिक ,सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले।
.अपना लक्ष्य निर्धारित करे।
_डिप्रेशन का एक कारण सही वक्त पर लक्ष्य पुरे न होना भी होता है। इससे बचने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करे, बड़े बड़े कार्यो को छोटे छोटे हिस्से में बांटे , कुछ काम की प्राथमिकता निर्धारित करे और ऐसा काम करे जिसकी आपमे पूरी क्षमता हो।
.सामाजिक रूप से सक्रिय हो।
आपके करीबी लोगो के साथ समय बिताये। किसी भरोसेमंद दोस्त या रिश्तेदार को अपनी गुप्त बातें बताये।
अपने आप को सबसे अलग करने की कोशिश न करे और दुसरो को अपनी हेल्प करने दे।
राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करने से सकारात्मक विचारों को बल मिलता है। पॉवर फूल मेडिटेशन से मन शांत रहता है और मेन्टल स्टेट मेन्टेन रहती है।
हो सके तो थोड़ी देर खुली हवा में टहले । प्रकृति का प्रभाव हमारे मन और तन दोनों पर पड़ता हैं।
ऎसे समय में घर वालो को पूरा सहयोग देना चाहिए। सपोर्ट ,लव और केअर करे।
.पॉजिटिव विचार
हम पॉवरफुल मेडिटेशन और स्ट्रांग विल पॉवर से इस समस्या का समाधान कर सकते है।
डिप्रेशन हमारी खुद की क्रिएशन जिस दिन हम ये ध्यान देने लगेंगे की मुझे इसे खुद से दूर करना है |
तब इस तरह की पॉजिटिव थॉट से हम अपने डिप्रेशन को ख़त्म कर सकते हैं। क्यों , क्योंकि ये नेगेटिव चीज़े जो व्यक्ति सोच रहा होता है हालांकि होता ऐसा कुछ भी नहीं है ऐसी ऐसी बातों को सोच रहा होता है जिसका दूर दूर तक कोई कनेक्शन नहीं होता ।
हमें ऐसा लगता है की जैसा हम सोच रहे होते हैं वैसा होने वाला है तो बिलकुल वैसा होता है। क्योंकि जब बहुत बुरा सोचते हैं तो हमारे साथ बुरा होता है क्योंकि जो हम सोचते वही वापिस होता हैं । _
व्यक्ति पहले से ही अनुमान कर लेता है की ऐसा होने वाला है और होंगे भी तो कैसे किस मार्ग में तो वो हमेशा नेगेटिव में ही लेता है। वो अगर सोचता भी है पहले से किसी चीज़ को सोचता भी तो नेगेटिव ही सोचता है। और फिर वो REALITY में कन्वर्ट होती हैं तो वो डिप्रेशन में चला जाता है और कहता मुझे पता था ये चीज़े ऐसे ही होने वाली थी।
सबसे पहले तो उसे खुद से प्यार करना होगा। खुद पर विश्वास करना होगा की उसके अंदर ऐसी एनर्जी है ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा वो हर तरह की परेशानी से मुक्त हो सकता है!
घर में भी अगर इस तरह का नेगेटिव वातावरण है तब जो डिप्रेशन से जुड़ा व्यक्ति है डिप्रेशन से कभी मुक्त नहीं हो सकता।
क्योंकि लोग कहते है जो इंसान परेशान होता है वो इंसान कोई ऐसे हैप्पीएस्ट पर्सन से मिले जो बहुत ज्यादा खुशमिजाज़ हो, बहुत ज्यादा जॉय नेचर का हो, बहुत ज्यादा खुशदिल हो, जिसको हँसने की हमेशा आदत हो, हमेशा मुस्कुराता हो। तो हो सकता है की व्यक्ति अगर 5 मिनिट भी उस व्यक्ति के संपर्क में आए तो 24 घंटे में 5 मिनिट वो उस व्यक्ति के साथ हँसेगा ज़रूर।
डिप्रेशन वाला व्यक्ति ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आता है जो बहुत पॉजिटिव है ,उसको उसकी वाइब्रेशन मिलती है 5 मिनिट खुश होता है और उसको अच्छा फील होता है। क्योंकि पॉजिटिव एनर्जी की यही ख़ास बात है।
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