श्री तुलसी पीए,निरोग जीए

  

तुलसी के पत्तों में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसके रोजाना सेवन से आप कई तरह की शारीरिक समस्याओं से बचे रह सकते हैं। तुलसी शरीर के तापमान को कंट्रोल में रखती है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। मौसम में होने वाले बदलावों के चलते होने वाले इंफेक्शन से बचे रहना चाहते हैं, तो हल्दी और तुलसी का काढ़ा रोजाना पिएं। ये काढ़ा सर्दी-जुकाम और गले में खराश की समस्या से भी राहत दिलाता है।

ऐसे करें प्रयोग तुलसी के पत्तों का:

1. एसिडिटी महसूस होने पर तुलसी के दो से तीन पत्ते चबाने से लाभ मिलता है। अगर आपको अकसर ही एसिडिटी रहती है तो खाने के बाद इसे पत्ते खाने की आदत बना लें।

2. पेट दर्द हो, तो नारियल पानी में तुलसी के पत्तों का रस और नींबू मिलाकर पी लें।

3. सुबह की शुरुआत चाय से होती है तो इसमें भी अदरक के साथ तुलसी के कुछ पत्ते डाल दें। काढ़ा बना रहे हैं तो उसमें भी तुलसी के पत्ते डालें। इससे पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और साथ ही मौसम बदलाव के साथ होने वाले संक्रमण में भी आराम मिलता है।

तुलसी के फायदे :

 तुलसी को रक्षा कवच माना जाता है। तुलसी के सभी हिस्सों का अपना - अपना अलग महत्व है। इसकी शाखाएँ, बीज, पत्ती और जड़ सभी के बहुत फायदे है। आइये जानते है श्री तुलसी के फायदे

१. सर्दी-खांसी में -

इसका उपयोग सर्दी खांसी में आराम देने के लिए किया जाता है। अगर आपको जुकाम सर्दी खांसी हो गई है तो तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है। तुलसी के साथ काली मिर्ची, लौंग और गुड़ मिलाकर काढ़ा तैयार किया जाता है।

२. मुँह की दुर्गंध -

तुलसी के पत्तों को चबाने से मुँह की दुर्गंध को दूर किया जा सकता है। अगर साँसों में से बदबू आती है तो तुलसी खाने के फायदे इसमें होते है। तुलसी के पत्ते चबाना चाहिए ऐसा करने पर दुर्गंध खत्म हो जाती है।

३. सिर की जूं लीख में -

यदि सिर में जूं लीख हो गई है तो ऐसे में तुलसी का तेल बालों में लगाना चाहिए। इसकी पत्तियों से आप तेल बना सकते है या बाजार में भी आपको तुलसी का तेल मिल सकता है।

४. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये -

तुलसी में रोगों से लड़ने की ताकत होती है। यह इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है। तुलसी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

. कान दर्द और सूजन में राहत -

यह कान के दर्द और सूजन को कम करने का काम करती है। तुलसी पत्र स्वरस को गर्म कर ले इसकी २ - २ बून्द कान में डालने पर दर्द से मुक्ति मिलेगी। कान के पीछे हो रही सूजन में तुलसी पत्ती के साथ एरंड की कोंपलों को पीस ले इसमें नमक मिला ले इस लेप को गुनगुना करके लगाएं।

६. तनाव से मुक्ति -

तुलसी में एंटीस्ट्रेस गुण पाए जाते है। शरीर में पाया जाने वाला कॉर्टिसोल हॉर्मोन जिसे स्ट्रेस हार्मोन कहते है उसे नियंत्रित करने में तुलसी सहायक होती है।

७. दस्त में आराम -

दस्त से परेशान होने पर आप इसका उपयोग जरूर करे। जीरे के साथ तुलसी के पत्तों को पीस ले। दिन में इसे ३ - ४ बार खाये इससे दस्त रुक जाएंगे।

८. चोट लगने पर -

इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते है जो घाव को ठीक करने में मददगार साबित होते है। फिटकरी और तुलसी के पत्ते दोनों को साथ में मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।

९. वजन कम करने में सहायक -

तुलसी के पत्ते के फायदे में वजन कम करना भी शामिल है। तुलसी रस शरीर का वजन कम करने के साथ बीएमआई और शरीर में इन्सुलिन को नियंत्रित करता है।

१०. रतौंधी में लाभ -

तुलसी रस के फायदे रतौंधी में भी होते है। २ से ३ बून्द तुलसी पत्र स्वरस को आँखों में डालने से फायदा होता है। आप चाहे तो तुलसी ड्राप खरीदकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। तुलसी ड्राप के फायदे रतौंधी ठीक करने में होते है।

११. चेहरे की आभा -

तुलसी की पत्तियों को पीसकर इसका लेप या रस चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और कील मुहांसे भी ठीक होते है।

१२. साँप के काटने पर -

अगर साँप ने काट लिया है तो तुलसी का रस पिलाना चाहिए और इसकी जड़ और मंजरी को पीसकर साँप के काटे हुए स्थान पर लगाना चाहिए। इसका रस नाक में टपकाने से बेहोश रोगी को आराम मिलता है।

१३. सिर दर्द में आराम -

सिर में दर्द होने पर तुलसी की पत्ती की चाय बनाकर पीने से फायदा होता है।

१४. हृदय रोग -

इसका सेवन करने से हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है और हृदय को स्वस्थ बनाये रखता है।

१५. झड़ते बालों के लिए उपयोगी -

तुलसी की पत्तियां बालों को झड़ने से रोकती है और सिर में ठंडक बनाये रखती है। इससे सिर में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से होता है।


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