पित्ताशय की थैली ऊपरी दाहिने पेट में लीवर के नीचे एक छोटा सा नाशपति के आकार का अंग है। इसका काम होता है पित्त को गाढ़ा करना। यह डाइजेशन में बहुत मदद करता है। यह लीवर में बनता है गॉल ब्लैडर में स्टोर होता है और फिर इंटेस्टाइन में जाकर खाने की डाइजेशन में मदद करता है।
पित्त की पथरी बनने के क्या कारण हैं?
यदि पित्ताशय में मौजूद पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल एंजाइम नहीं घुला पाता है तो यह ठोस बन कर पत्थर का आकार ले लेता है। इसके अलावा अगर पित्त में बहुत अधिक बिलीरुबिन होता है, जैसे यकृत के सिरोसिस या कुछ रक्त विकारों में तो यह पत्थर के गठन का कारक होता है। अंत में, यदि पित्ताशय अच्छी तरह से खाली नहीं होता है, तो इससे ठहराव और पत्थर का गठन होता है।
गाल ब्लैडर स्टोन के लक्षण क्या है?
बदहजमी
खट्टी डकार
उल्टी
बहुत ज़्यादा पसीना आना
पेट फुलाना
एसिडिटी
पेट में भारीपन
गॉलब्लेडर स्टोन / पित्तशमरी/ पित्ताशय की पथरी के कुछ इलाज:
पित्ताशय में कोलेस्ट्रोल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव होने लगता है या सख्त होने लगता है। तब ये धीरे-धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर सिस्ट या पत्थर का रूप ले लेती है।
लक्षण:- रोगी को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है और साथ में खाना पचने में भी दिक्कत आने लगती है। बदहजमी,खट्टी डकार,पेट फुलाना, एसिडिटी, पेट में भारीपन, उल्टी, पसीना आना जैसे लक्षण नजर आते हैं।
उपचार:- 1) ताम्र भस्म 2gm, शंखबटी 30gm, काला जीरा 20gm, काला नमक 20 gm, बायविडंग 15gm, त्रिवंग भस्म 5gm, कुटकी 25gm, सिंघपर्णी के पत्ते सभी को कपड़छान चुंर्ण कर सुबह शाम 1gm - 1gm चुंर्ण गुनगुने जल से सेवन करें।
2) पुनर्नवा क्षार 1gm, तालमखाना क्षार 1gm व कासनी क्षार 1gm को 60ml आसुत जल में मिलाकर रख लें व आधे कप पानी मे 1ml मिलाकर भोजन के बाद दिन में 2 बार सेवन करें।
3) तिल क्षार 1gm व मकोय क्षार 1gm को 60ml आसुत जल में मिलाकर रख लें व आधे कप पानी मे 1ml मिलाकर भोजन से पहिले दिन में 2 बार सेवन करें।
परहेज:- प्रोटीन युक्त भोजन, घी, पनीर, चावल इत्यादि का सेवन बन्द कर दें।
किडनी या डायलिसिस के मरीज इसे बनाकर सेवन न करें।
गॉल ब्लैडर स्टोन से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय
पत्थरचट्टा
पत्थरचट्टा का पौधा आसानी से कही पर भी मिल जाता है। जिसका सेवन करके आप आसानी से किडनी के स्टोन के साथ गॉल ब्लैडर के स्टोन से निजात पा सकते हैं। इसके लिए पत्थर चट्टा का 3-3 पत्तों दिन में 3 बार चबा कर खा लें।
कुलथ की दाल
गॉल ब्लैडर और किडनी के स्टोन से छुटकारा पाने के लिए कुलथ की दाल काफी फायदेमंद है। इसके लिए रात को पानी में कुलथ की दाल भिगो दें। सुबह इसका काढ़ा या फिर दाल बनाकर खा लें।
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