Ovarian cysts...



Ovarian cysts
are fluid-filled sacs or pockets within or on the surface of an ovary. Women have two ovaries — each about the size and shape of an almond — located on each side of the uterus. Eggs (ova) develop and mature in the ovaries and are released in monthly cycles during your childbearing years.

Many women have ovarian cysts at some time during their lives. Most ovarian cysts present little or no discomfort and are harmless. The majority of ovarian cysts disappear without treatment within a few months.

However, ovarian cysts — especially those that have ruptured — sometimes produce serious symptoms. The best ways to protect your health are to know the symptoms that may signal a more significant problem, and to schedule regular pelvic examinations.

Ovarian Cysts Symptoms


Usually ovarian cysts do not produce symptoms and are found during a routine physical exam or are seen by chance on an ultrasound performed for other reasons. However, symptoms can be present, especially with large cysts. The following symptoms may be present:
  • Lower abdominal or pelvic pain, which may start and stop and may be severe, sudden, and sharp
  • Irregular menstrual periods
  • Feeling of lower abdominal or pelvic pressure or fullness
  • Long-term pelvic pain during menstrual period that may also be felt in the lower back
  • Pelvic pain after strenuous exercise or sexual intercourse
  • Pain or pressure with urination or bowel movements
  • Nausea and vomiting
  • Vaginal pain or spotty bleeding from the vagina
  • Infertility
How are ovarian cysts diagnosed?

Sometimes ovarian cysts may be noticed by a health care practitioner during a bimanual examination of the pelvis. If a cyst is suspected based upon the symptoms of physical examination, imaging techniques are used. Most cysts are diagnosed by ultrasound, which is the best imaging technique for detecting ovarian cysts. Ultrasound is an imaging method that uses sound waves to produce an image of structures within the body. Ultrasound imaging is painless and causes no harm.

Cysts can also be detected with other imaging methods, such as CT scan or MRI scan (magnetic resonance imaging).

Treatments and drugs

Treatment depends on your age, the type and size of your cyst, and your symptoms. Your doctor may suggest:
Watchful waiting. In many cases you can wait and be re-examined to see if the cyst goes away on its own within a few months. This is typically an option — regardless of your age — if you have no symptoms and an ultrasound shows you have a small, fluid-filled cyst. Your doctor will likely recommend that you get follow-up pelvic ultrasounds at periodic intervals to see if your cyst has changed in size.
Birth control pills. Your doctor may recommend birth control pills to reduce the chance of new cysts developing in future menstrual cycles. Oral contraceptives offer the added benefit of significantly reducing your risk of ovarian cancer — the risk decreases the longer you take birth control pills.
Surgery. Your doctor may suggest removal of a cyst if it is large, doesn't look like a functional cyst, is growing, or persists through two or three menstrual cycles. Cysts that cause pain or other symptoms may be removed.
Some cysts can be removed without removing the ovary in a procedure known as a cystectomy. In some circumstances, your doctor may suggest removing the affected ovary and leaving the other intact in a procedure known as oophorectomy.

If a cystic mass is cancerous, however, your doctor will likely advise a hysterectomy to remove both ovaries and your uterus. Your doctor is also likely to recommend surgery when a cystic mass develops on the ovaries after menopause.

ओवरी सिस्ट ...


इन दिनों महिलाओं में अंडाशय (ओवरी) में सिस्ट की समस्या से सबधित मामले बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। अंडाशय में सिस्ट को लेकर महिलाओं के मध्य कई गलत धारणाएं व्याप्त हैं। जैसे सिस्ट का समय पर इलाज न कराने से भविष्य में इसके कैंसर में परिवर्तित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसी धारणा के चलते महिलाएं ऑपरेशन करवाकर अंडाशय निकलवा देती हैं। हालाकि सिस्ट के चलते कई बार महिलाओं को माहवारी में दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। इससे कई अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। बहरहाल, अंडाशय सिस्ट के अधिकतर मामले गभीर नहीं होते। सही समय पर जाच और डॉक्टर के परामर्श से ये ठीक हो जाते हैं।

रोग का स्वरूप

अंडाशय सिस्ट तरल पदार्थ से भरे हुए थैले जैसा होता है, जो अंडाशय के भीतर या सतह पर होता है। अंडाशय में ज्यादातर सिस्ट शरीर को कोई हानि नहीं पहुंचाते बल्कि वे माहवारी के दौरान खुद-ब-खुद निकल जाते हैं, लेकिन कई बार दर्द के चलते डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
लक्षण

* माहवारी का अनियमित रहना।

* शारीरिक सपर्क के दौरान दर्द।

* उदर या स्तनों में लगातार दर्द होना।

* याद रखें, अंडाशय सिस्ट के अनेक मामलों में लक्षण स्पष्ट तौर पर प्रकट नहीं होते।

इसके बावजूद उपर्युक्त लक्षणों में डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। रजोनिवृत्ति के बाद अगर सिस्ट की समस्या सामने आ चुकी है, तो सिस्ट के कैंसर की आशका बढ़ जाती है। इसलिए रजोनिवृत्ति के बाद पेल्विक एग्जामिनेशन टेस्ट और पेल्विक का अल्ट्रासाउंड कराना आवश्यक है। अल्ट्रासाउंड कराने पर सिस्ट का पता चल जाता है। सिस्ट कई प्रकार के होते हैं।

जटिलताएं

अगर सिस्ट फट जाये तो गभीर दर्द होने लगता है और रक्तस्नाव (ब्लीडिंग) शुरू हो जाती है। इसी तरह अगर सिस्ट का आकार बड़ा है और यह समय के साथ बढ़ रहा है, तो जटिलता उत्पन्न होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। अगर सिस्ट तरल पदार्थ से भरा है, तो उस सिस्ट के कैंसर में परिवर्तित होने की आशकाएं काफी कम हो जाती हैं, लेकिन अगर सिस्ट ठोस है या ठोस के साथ इसमें तरल पदार्थ भी है, तो यह जानना जरूरी होता है कि ये कैंसर है या नहीं।

इलाज

सिस्ट का पता लगने के बाद डॉक्टर 'पेल्विक अल्ट्रासाउंड' से यह निश्चित करता है कि सिस्ट कहा पर है और इसमें द्रव, ठोस या फिर दोनों का मिश्रण तो नहीं है। इसके बाद उम्र और सिस्ट का आकार देखकर ही इलाज शुरू किया जाता है। अगर कोई लक्षण प्रकट नहीं होता और सिस्ट तरल पदार्थ का है तो डॉक्टर कुछ महीनों बाद दोबारा पेल्विक अल्ट्रासाउंड करके यह निरीक्षण करता है कि सिस्ट का आकार कितना है और किस जगह मौजूद है या फिर वह माहवारी होने के बाद खत्म तो नहीं हो गया।

कई बार डॉक्टर, जन्म नियत्रण से सबधित टैब्लेट्स लेने की भी सलाह देते हैं ताकि नये सिस्ट न बनें। अगर सिस्ट बड़ा है या उसका आकार बढ़ता जाये तो ऑपरेशन या लैप्रोस्कोपी के द्वारा ओवरी से सिस्ट निकाल दिया जाता है।

सजगता

हालाकि ओवरी में सिस्ट रोकने का कोई उपाय नहीं है। सिर्फ जरूरत है सतर्कता बरतने की। अगर माहवारी अनियमित हो, तब शीघ्र ही डॉक्टर से परामर्श लें।

गर्भाशय में सूजन...कारण और उपचार


परिचय:- 

ऋतुकालीन (माहवारी) असावधानियों का कुप्रभाव यदि गर्भाशय को प्रभावित करता है तो उसमें शोथ (सूजन) उत्पन्न हो जाती है। इसमें रोगी महिला को बहुत अधिक कष्ट उठाना पड़ता है। गर्भाशय की सूजन हो जाने पर स्त्रियों को हल्का बुखार रहता है तथा इस रोग के कारण उनके गर्भाशय में सूजन भी हो जाती है। इस रोग के कारण अनेक प्रकार के रोग स्त्रियों को हो जाते हैं जो इस प्रकार हैं- सिर में दर्द, भूख न लगना, कमर तथा पेट के निचले भाग में दर्द और योनि के भाग में खुजली होना आदि। 

लक्षण:

गर्भाशय की सूजन होने पर महिला को पेडू में दर्द और जलन होना सामान्य लक्षण हैं, किसी-किसी को दस्त भी लग सकते हैं तो किसी को दस्त की हाजत जैसी प्रतीत होती है किन्तु दस्त नहीं होता है। किसी को बार-बार मूत्र त्यागने की इच्छा होती है। किसी को बुखार और बुखार के साथ खांसी भी हो जाती है। यदि इस रोग की उत्पन्न होने का कारण शीत लगना हो तो इससे बुखार की तीव्रता बढ़ जाती है।

गर्भाशय (बच्चेदानी) की सूजन हो जाने का कारण - 


· भूख से अधिक भोजन सेवन करने के कारण स्त्री के गर्भाशय में सूजन आ जाती है। 

· पेट में गैस तथा कब्ज बनने के कारण गर्भाशय में सूजन हो जाती है। 

· अधिक तंग कपड़े पहनने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है। 

· पेट की मांसपेशियों में अधिक कमजोरी आ जाने के कारण तथा व्यायाम न करने के कारण या अधिक सख्त व्यायाम करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है। 

· औषधियों का अधिक सेवन करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है। 

· अधिक सहवास (संभोग) करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है। 

· गलत खान-पान के कारण गर्भाशय में सूजन हो सकती है। 

· प्रसव के दौरान सावधानी न बरतने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है। 

प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:- 


· गर्भाशय में सूजन हो जाने पर स्त्री रोगी को चार से पांच दिनों तक फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए, फिर इसके बाद बिना पका संतुलित आहार लेना चाहिए। 

· गर्भाशय में सूजन से पीड़ित स्त्री को कभी भी नमक, मिर्चमसाला वाला, तली भुनी चीजें तथा मिठाईयां आदि नहीं खानी चाहिए। 

· गर्भाशय में सूजन हो जाने पर स्त्री के पेट पर मिट्टी की गीली पट्टी लगानी चाहिए। इसके बाद एनिमा देनी चाहिए और फिर गर्म कटिस्नान कराना चाहिए। इसके बाद टब में नमक डालकर पन्द्रह से बीस मिनट तक स्त्री को इसमें बैठाना चाहिए। 

· गर्भाशय में सूजन से पीड़ित स्त्री को प्रतिदिन दो से तीन बार एक-दो घंटे तक अपने पैर को एक फुट ऊंचा उठाकर लेटना चाहिए और आराम करना चाहिए। इसके बाद रोगी स्त्री को श्वासन क्रिया करनी चाहिए जिसके फलस्वरूप उसका रोग ठीक हो जाता है।

घरेलू उपचार :-

नीम
नीम, सम्भालू के पत्ते और सोंठ सभी का काढ़ा बनाकर योनि मार्ग (जननांग) में लगाने से गर्भाशय की सूजन नष्ट हो जाती है।
बादाम रोगन
बादाम रोगन एक चम्मच, शर्बत बनफ्सा 3 चम्मच और खाण्ड पानी में मिलाकर सुबह के समय पीएं तथा बादाम रोगन का एक फोया गर्भाशय के मुंह पर रखें इससे गर्मी के कारण उत्पन्न गर्भाशय की सूजन ठीक हो जाती है।
बजूरी शर्बत या दीनार
बजूरी या दीनार को दो चम्मच की मात्रा में एक कप पानी में सोते समय सेवन करना चाहिए। इससे गर्भाशय की सूजन मिट जाती है।
अशोक
अशोक की छाल 120 ग्राम, वरजटा, काली सारिवा, लाल चन्दन, दारूहल्दी, मंजीठ प्रत्येक को 100-100 ग्राम मात्रा, छोटी इलायची के दाने और चन्द्रपुटी प्रवाल भस्म 50-50 ग्राम, सहस्त्रपुटी अभ्रक भस्म 40 ग्राम, वंग भस्म और लौह भस्म 30-30 ग्राम तथा मकरध्वज गंधक जारित 10 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी औषधियों को कूटछानकर चूर्ण तैयार कर लेते हैं। फिर इसमें क्रमश: खिरेंटी, सेमल की छाल तथा गूलर की छाल के काढ़े में 3-3 दिन खरल करके 1-1 ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लेते हैं। इसे एक या दो गोली की मात्रा में मिश्रीयुक्त गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए। इसे लगभग एक महीने तक सेवन कराने से स्त्रियों के अनेक रोगों में लाभ मिलता है। इससे गर्भाशय की सूजन, जलन, रक्तप्रदर, माहवारी के विभिन्न विकार या प्रसव के बाद होने वाली दुर्बलता इससे नष्ट हो जाती है।
पानी
गर्भाशय की सूजन होने पर पेडू़ (नाभि) पर गर्म पानी की बोतल को रखने से लाभ मिलता है।
एरण्ड
एरण्ड के पत्तों का रस छानकर रूई भिगोकर गर्भाशय के मुंह पर 3-4 दिनों तक रखने से गर्भाशय की सूजन मिट जाती है।
चिरायता
चिरायते के काढ़े से योनि को धोएं और चिरायता को पानी में पीसकर पेडू़ और योनि पर इसका लेप करें इससे सर्दी की वजह से होने वाली गर्भाशय की सूजन नष्ट हो जाती है।
रेवन्दचीनी
रेवन्दचीनी को 15 ग्राम की मात्रा में पीसकर आधा-आधा ग्राम पानी से दिन में तीन बार लेना चाहिए। इससे गर्भाशय की सूजन मिट जाती है।
कासनी
कासनी की जड़, गुलबनफ्सा और वरियादी 6-6 ग्राम की मात्रा में, गावजवां और तुख्म कसुम 5-5 ग्राम, तथा मुनक्का 6 या 7 को एक साथ बारीक पीसकर उन्हें 250 ग्राम पानी के साथ सुबह-शाम को छानकर पिला देते हैं। यह उपयोग नियमित रूप से आठ-दस दिनों तक करना चाहिए। इससे गर्भाशय की सूजन, रक्तस्राव, श्लैष्मिक स्राव (बलगम, पीव) आदि में पर्याप्त लाभ मिलता है।

पुरूषों में होने वाली समस्याऐं उपायों के साथ...


हार्मोन्स में बदलाव सिर्फ महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी होते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक कई बार पुरुष भी उन्हीं लक्षणों को महसूस करते हैं जिन्हें रजोनिवृति के दौरान महिलाएं महसूस करती हैं। पुरुषों में रजोनिवृति को एंड्रोपॉज के नाम से भी जाना जाता है। इससे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में क्रामिक गिरावट देखी जाती है। यह हार्मोन पुरुषों व महिलाओं दोनों में सेक्स की इच्छा बढ़ाता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी पुरुषों में रजोनिवृति के लक्षण पाए जाएं।

क्या होता है एंड्रोपॉज

एंड्रोपॉज पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ होने वाले भावनात्मक और शारीरिक परिवर्तन को कहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही पुरुषों के कुछ विशेष किस्म के हार्मोनों में बदलाव देखे जाते हैं। एंड्रोपॉज को मेल मेनोपॉज, उम्र बढ़ने के साथ एंड्रोजन के गिरने से या वीरोपॉज भी कहा जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक दरअसल एंड्रोपॉज सही शब्द नहीं है, क्योंकि यह प्रक्रिया मेनोपॉज की तरह सभी पुरुषों में नहीं देखी जाती। न ही यह प्रजनन क्षमता समाप्त होने पर अचानक आ जाती है। यह उम्र बढ़ने के साथ कई पुरुषों में होने वाली सामान्य प्रक्रिया है और यह उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती जाती है

पुरुषों में रजोनिवृति के लक्षण

पुरुषों व महिलाओं में रजोनिवृति के लक्षण एक ही जैसे होते हैं, बस पुरुषों के लक्षण ज्यादा तीव्र नहीं होते हैं। रात को पसीना आना, चक्कर आना, हॉट फलैशेज, जोड़ो में दर्द साथ ही पुरुषों में भावनात्मक लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे मूड में बदलाव, चिडचिड़ापन, डिप्रेशन आदि।

क्‍या होते हैं बदलाव

हार्मोनों में बदलाव होता है जिससे सेक्स क्षमता पर असर होता है। 80 प्रतिशत पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर के गिरने से लीबीदो (सेक्स इच्छा को नियत्रिंत करता है) पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसी अवस्था में पुरुषों को तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। इससे पुरुषों को इस समस्या से निकलने में आसानी हो सकती है।

शीघ्र पतन- उपाय 

  • दोनों पांव के तलवे पर पानी की धार डालें कम से कम दस मिनट तक 
  • धूप में सिध्द् किया पीली कांच की बोतल का पानी सुबह शाम दो –दो चम्मच पियें (पीली कांच की बोतल में सादा पानी भर कर रख धूप में तीन दिन तक रख दें बस हो गया) 
  • अदरक का रस6ग्राम,सफेद प्याज का रस10ग्राम,5ग्राम शहद,गाय का घी 3ग्राम,सबको एक साथ मिलाकर रोजाना चाटेंएक मास तक इससे हर तरह की मर्दाना ताकत बढतीहै 
  • अदरक के रस में एक (half boiled egg)मिलाकर खायें यह प्रयोग रात्री में करें रोजाना,एक माह तक। इससे मर्दाना शक्ति बढतीहै शीध्र पतन की शिकायत दूर होती है 
  • बादाम, काली मिर्च समान भाग लें जरूरत अनुसार मिस्री मिलायें,सबको मिलाकर खा जायें उपर से एक ग्लास गरम दूध पी जायें फायदा होगा 
  • शीघ्र पतन की शिकायत मेंसोठ,कालीमिरच,लौंग जायफल,सूखा करी पत्ताइन सबको 50-50ग्राम लें पाचा कपूर5ग्रा,(पंसारी की दुकान पर मिलेगा)10ग्राम केसर लें सबको अलग अलग पीसकर मिला लें अब केसर दूध में पीस लें अपनी पाचन शक्ती अनुसार मात्रा में दूध कम से कम एक माह तक लें।इससेशीघ्र पतल की शिकायत तो दूर होगी ही साथ आपकी काया भी सुंदर होगी 
  • ताल मखाने के बीज (पंसारी की दुकान पर मिलेगा मखाना) 60ग्राम.लेकर अदरक के रस मेंभिगोयें फिर सुखायें, इस तरह तीन बार करें,फिर इसको पीस लें अब इसे200ग्रा. शहद मेंमिलाकर(भिगाकर) रख लें इसे सुबह शाम 10-10ग्राम.गाय के दूध के साथ लें यह अत्यंत लाभदायक है 
  • शतावर का चूर्ण लें एक तोला,मिस्री मिलें गरम दूध के साथ रोज सेवन करें शरीर बलवान होगा। 
  • प्रति दिन 50ग्रा गुड़ अवश्य खायें 
  • एक चम्मच तुलसी के बीजों का चूर्ण ,दो साबुत पान,2रत्ती,आक के फूल सबकी भस्म बनाकर पीस कर इसे रात में सोते समय एक ग्लास दूध के साथ लें,शिकायत दूर होगी 
  • तुलसी के दो पत्ते, एक चम्मच बीज, पान में रखकर चबायें 
  • तुलसी के जड़ का टुकडा बराबर चूसते रहें करीब दो माह तक 
  • गाजर के रस में लहसुन के रस की 10बूंद डालकर नित्य पियें सुबह शाम गाय का दूध पियें 
  • जामुन की गुठली सुखा लें पीस लें, इसे रोजाना आधा चम्मच खाकर गाजर का रसपियें एक माह तक 
  • सिंघाडे का हलुआ खाकर ऊपर से गाजर का रस पियें 
  • दो तोला धुली उडद की दाल भिगाकर पीस लें एक तोला घी आधा तोला शहद मिलाकर चाटें उपर से एक ग्लास मिस्री मिला दूध पियें करीब तीन माह तक अश्वजैसी शक्ति आ जायेगी 
  • शिलाजीत की शक्ति महान है इसे दूध के साथ रोजाना सेवन करें 
  • शतावरऔर असगंध(अश्वगंध) का चूर्ण दूध के साथ रोजाना सेवन करने से लाभ होगा 

नपुसंकता 

  • तिल के तेल में दो ग्राम. आक का तेल मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करें 
  • बताशे में तीन बूंद आक का तेल डालकर एक माह तक सेवन करें 
  • सौ.ग्राम गाजर के हलुआ में धो बूंद आक का दूध मिलाकर खायें 
  • सौ.ग्राम,मूली के बीज पीस लें इसमें से 5-5ग्राम चूर्ण रोज दही के साथ चाटें 
  • सौ.ग्राम.लहसुन घी में भून कर पीस लें,इसमें से दोचुटकी चूर्ण रोज दही या मटठे के साथलें 
  • पीपल पर लगने वाला फल छाया में सुखा कर पीस लें, इस चूर्ण को एक चौथाई चम्मच(.250ग्र) दूध में डालकर पियें. 
  • चिलगोजे जो सूखा मेवा होता है इसे कम से कम दो माह तक रोज खायें इसमें मर्दाना ताकत होती है।उसे लंबे समय.तक खाने से कोई नुकसान नहीं है 
  • अदरक का रस यौनशक्ति बढाताहै, इसे एक .चम्मच शहद के साथ रोज लें कोई नुकसान नहीं सिवाय फायदे के 
  • अरबी की सब्जी पुरूषों के लिये हर तरह से लाभदायक है 
  • केले में पाये जाने वाला पोटेशियम तत्व मानसिक तनाव दूर करता है 
  • अधिक मिर्च मसाला, खटाई वीर्यके जीवाणुओं को नष्ट करता है 
  • बथुआ हर तरह से खायें फयदेमंद है 
  • शकरकंद भूनकर या उबाल कर खायें, मर्दाना ताकत बढाता है 
  • छाछ नियमित पियें 
  • अजवाइन मिस्री बराबर मात्रा मेंपीसकर रख लें,सुबह शाम आधा-आधा चम्मच गरम दूधके साथलें 
  • तरबूज,आलू ,सेम,टमाटर,चुकंदर,भिंडी,पत्तागोभी,अवश्य खायेंयौन शक्ति बढाता है 
  • शारीरिक ,मानसिक व यौनशक्ति बढानेके लिये निम्नलिखित चूर्ण का इस्तमाल करें 
  • 250ग्राम आंवला सुखाकर कूट पीस लें,250ग्राम पिसी हल्दी मिलाकर देशी घी में भून लें,इसमें समान मात्रा में पिसी मिस्री मिला दें,हो गया शक्तिशाली चूर्ण तैयार अब इसे दो चम्मच सुबह शाम गाय के दूध के साथ लें। खोई हुई शक्ति वापस प्राप्त करें 

स्वप्न दोष -

  • लहसुन की दो कली कुचल कर निगल जायें,थोडी देर बाद गाजर का रस पीलें 
  • आंवले का मुरब्बा रोज खायेंउपर से गाजर का रस पियें 
  • पके बेल का गूदा10ग्राम, भांग1ग्राम, धनिया पावडर 10ग्राम सौंफ,5ग्राम सबको एक ग्लास गाजर के रस में भिगा दें फिर सबको घोटकर पी जायें कुछ दिन लगातार पियें परेशानी ठीक हो जायेगा 
  • तुलसी की जड के टुकडे को पीसकर पानी के साथ पीजायेंस्वप्नदोष ठीक होगा 
  • अगर जड़ न मिले तो बीज 2.चम्मच शाम के समय लें 
  • काली तुलसी के पत्ते 10-12,रात में जल के साथ लें 
  • मुलहटी चूरण आधा चम्मच आक की छाल का चूरण एक चम्मच दूध के साथ लें 
  • अदरक रस 2चम्मच, प्याज रस 2चम्मच, शहद 2चम्मच, गाय का घी2 चम्मच,सबको मिलाकर चाटें स्वप्न दोष तो ठीक होगा ही साथ ताकत भी आती है 
  • रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगा दें सुबह मथकर महीन कपडे से छानकर पीजायें 
  • सुबह नहाते समय पेट,पीठ,,पैर के पंजे पर पानी की धार डालें 
  • रात को सोते समय हाथ पैर को धोकर सोयें 
  • नीम की पत्तियाँ नित्य चबाकर खाते रहने से स्वप्नदोष जड़ से गायब हो जाताहै 


How to Increase Sexual Stamina


Almost every man has worried about his sexual stamina at some point. Sexual performance is of special importance to men, and most guys want to do everything they can to make their partners feel good. More specifically, men want to last as long as possible without feeling rushed or dismayed by performance issues like early ejaculation. 
Early ejaculation affects millions of men, and it can be a complicated issue to treat. Many men are often too embarrassed to talk to their doctors about these kinds of issues, and some don’t even like talking to their partners about the problem. The good news is that there are several ways you can increase your sexual stamina.
Premature ejaculation is a problem most men will experience at least once in their lives. Failing to satisfy your partner's desires can be one of the most embarrassing situations one can go through during sexual intercourse. However, to avoid such an unfulfilling experience, we have compiled a few simple tips that will hopefully get you out of these sticky situations.

Premature Ejaculation

Premature ejaculation is the unwelcome occurrence of the male orgasm before the woman is ready. There is no real time limit. For some couples, the male orgasm will be considered premature if it happens in less than 20 minutes after initiating sexual intercourse. On the other hand, if the man ejaculates in 1 minute, it may be okay if the woman had time to reach her peak as well.
If you are suffering from premature ejaculation, or just want to last longer in bed, it can be done by following some simple tips. Failing to satisfy your partner can be one of the most embarrassing situations in your relationship. So, to overcome or to make sure that the problem never arises, some simple tips can work very successfully. 
Various health professionals are debating on the real reason of low stamina for sex. Different professionals give more importance to physical, emotional and relationship problems. Although all emphasise the importance of looking at the problem as a combination of the three factors causing, the relative importance is what you need to consider. However, research has shown that sexual stamina can be as seriously affected by problems related to body, mind and personal life. So, there needs to be a comprehensive treatment to improve sexual stamina.

Increase Sexual Stamina during Sex

Physical Health – You should sleep well as this is the foundation of proper bodily and mental functions. With sound sleep, you should also eat right; avoid putting on weight and exercise regularly. Both cardio and muscle building should be a part of your exercise regimen. 
Emotional Health – Learn to manage stress and this would involve taking breaks from your work when required. You should also take regular vacations to freshen up your mind and senses.
Your Relationship – If there are any relationship issues, unresolved conflicts or any other emotional hang-up, get it over with. This can be a major obstacle to your sexual intimacy which directly affects your sex.
Learn to be Erotic – Sex is not the same as eroticism. The latter tends to mean different things to various people. You should try to find out what your partner finds erotic and indulge in his/her fantasises when in bed.
Sex Therapy – If nothing works out, you might have to take recourse to sex therapy. This would be needed if your problem is due to an underlying medical condition. Diagnosis of the disease or disorder followed by sex therapy can help to improve your sexual stamina. Try out these methods of increasing your sex drive and add some spice to your life. 

सेहत के लिए गाजर...

गाजर कि जड़ में कैरोटिन,हाइड्रो कैरोटिन,शर्करा,स्टार्च,पेक्टिन,सेवंल,लिग्निन,लवन तथा एक उड़नशील तेल पाया जाता है |इसके अतिरिक्त एक त्र्पिं तथा सिनिओल के सदृश एक पदार्थ होता है |इसमें लौह भी पर्याप्त मात्रा में  होता है |

कच्ची गाजर -

कच्ची गाजर भी अनेक प्रकार से काम में लायी जाती है |यह यकृत रोग को दूर कर रक्त में वृद्धि करती है |यह आँतों को साफ़ कर कीटाणुओं को नष्ट कर शरीर को पुष्ट करती है |इसी प्रकार कच्ची गाजर के टुकड़े कर उसमे नमक,पोदीना व अदरक तथा निम्बू का रस निचोड़ कर खाने से यह अरुचि व वायु का नाश कर पाचन-शक्ति को बढाती है |

गाजर का रस-

गाजर का रस पीना भी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है |इसका रस निकाने के लिए गाजरों को पीसकर कपड़े में  डाल कर निचोड़ लेना चाहिए |इस प्रकार निकाले रस में विटामिन'ए''बी''सी',चुना,कैल्शियुम आयरन,फास्फोरस आदि महत्वपूर्ण तत्व ज्यों के त्यों आ जाते है |परन्तु इसे पकाने से इसके पोष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं |

गाजर का मुरब्बा-

गाजर का मुरब्बा बड़ा तर,दिल,दिमाग को तरी  पहुँचाने वाला और रक्त को बढाने वाला है |गर्मी के मौसम में खाने से प्यास नहीं लगती,उन्माद रोग में भी लाभ करता है |मुरब्बा प्रात दूध के साथ सेवन करें |

गाजर का हलवा-

गाजर का हलवा बलवीर्य को बढता है |शरीर को मोटा करता है|कमर के दर्द और गुर्दे कि कमजोरी के लिए अच्छा है |

गाजर का अचार

 अक्सर मेद के लिए बलकारी और पाचक है |बड़े हुए यकृत और प्लीहा में लाभ पहुंचता है |

भोजन के तुरंत बाद गाजर खाने से मुंह कि दुर्गन्ध,मसूढों कि सूजन,दांत का रक्त तो रुकता ही है,साथ में पेट में   अमलता  नहीं बदने पाती |भोजन के साथ नियमित गाजर खाने से कब्ज नहीं होता तथा रक्त व गुर्दे कि सफाई प्राकृतिक ढंग से होती रहती है |गाजर पेट के अल्सर तथा केंसर तक में उपयोगी है |गाजर रोज खाने से त्वचा का रंग साफ़ होता है तथा चेहरा कमनीय और सुंदर हो जाता है |

गाजर के अनुभूत प्रयोग -


  • आग से जल जाने पर गाजर पीसकर तुरंत लेप कर दें |जलन में आराम होगा |
  • ह्रदय बहुत धड़कता हो टो गाजर भुनकर कई टुकड़े कर लें |इस टुकड़ों को ओस में रखकर प्रात बासी मुंह मिश्री के साथ सेवन करें |मात्रा करीब ५० से १०० ग्राम |
  • गाजर के फलों के रस को थोडा गर्म करके नाक में डालने से आधा सर दर्द शांत हो जाता है |
  • आधा गिलास गाजर के रस में आधा कप टमाटर और चुकंदर का रस मिलाकर प्रात सायं  पिने से चेहरे कि झाइयां,कील,मुहांसे,धब्बे आदि दूर हो जाते है |
  • गाजर के पत्तों के टाप आधा कप में १ चमच्च हल्दी मिलाकर चेहरे पर पैर हाथ में हलके हलके मलने से चेहरा चमकदार हो जाता है |
  • गाजर के एक गिलास रस में एक कप करले का रस तथा आधा कप आंवले का रस मिलाकर दिन में दो या तीन बार लगातार एक माह पिने से मधुमेह में बहुत ज्यादा आराम हो जाता है |

रोज खाएं एक गाजर

गाजर को पौष्टिक आहार माना जाता है। इसे कच्चा भी खाया जा सकता है और पकाकर भी। यह शरीर को जरूरी एंजाइम, विटामिन और खनिज प्रदान करता है। एक गाजर पूरे दिन की विटामिन ए की आवश्यकता को पूरा करता है। यह ऊर्जा प्रदान करने के साथ हड्डियों, आंखों की दृष्टि और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। इसका जूस भी काफी लाभकारी होता है। ताजा गाजर का जूस पीने से तनाव और थकान से मुक्ति मिलती है।

गाजर जितना लाल होगा उसमें उतना ज्यादा कैरोटिनायड (विटामिन ए का स्रोत्र) मिलेगा। प्रत्येक 100 ग्राम गाजर में 7.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.6 ग्राम प्रोटीन, 0.3 ग्राम वसा, 30 मिग्रा कैल्शियम, 0.6 मिग्रा आयरन पाया जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन बी1, बी2, बी6, विटामिन सी, के और पोटेशियम भी पाया जाता है।
पूर्व में हुए शोधों के मुताबिक गाजर में प्रचुर मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है। यह कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। साथ ही कोलेस्ट्राल, हार्टअटैक का खतरा काफी कम हो जाता है।

गाजर के फायदे


हृदय रोग से बचाव : ईडनबर्ग के वोल्फसन गैस्ट्रोइन्टेस्टेटाइनल लेबोरेटरी के शोधकर्ताओं के मुताबिक लगातार तीन हफ्तों तक 207 मिली गाजर के जूस के सेवन से11 प्रतिशत कोलेस्ट्राल के स्तर को कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गाजर खाने वालों को हार्टअटैक पड़ने का खतरा न खाने वाले के मुकाबले एक तिहाई कम होता है।


कैंसर से बचाव : इसमें पाया जाने वाला बीटाकैरोटीन कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करता है। ब्रिटिश शोधकर्ताओं के मुताबिक बीटा कैरोटीन लेने से फेफड़ों काकैंसर करीब 40 प्रतिशत और आंत का कैंसर होने का खतरा 24 प्रतिशत तक कम हो जाता है। यही नहीं गाजर खाने वाली महिलाओं को उन महिलाओं के मुकाबले स्तन कैंसर होने का खतरा आठ गुना कम हो जाता है जो बिल्कुल गाजर नहीं खाती।


आंखों के लिए फायदेमंद : गाजर में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इससे आंखों की दृष्टि में सुधार होता है।


स्ट्रोक से बचाव : वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रतिदिन एक गाजर खाने से स्ट्रोक का खतरा 68 प्रतिशत कम हो जाता है।

लौंग के फायदे...



लौंग एक अद्भुत मसाला है जो कि कई रोगों की दवा बन चुकी है। कई लोग सोचते हैं कि लौंग केवल उन्‍ही लोगों को खाना चाहिये जिनके मुंह से बदबू आती है, पर ऐसा नही है। त्‍वचा रोग, दांता का रोग, सांस की समस्‍या, पेट के कीडे़ मारने हो या फिर शरीर से सम्‍बंधित कोई भी बीमारी हो, वह लौंग के प्रयोग से दूर हो जाती है। लौंग को पीसकर, या साबुत खाद्य पदार्थ में डालने से, वह सुगंधमय हो जाता है। लौंग ना केवल खाने में ही बल्कि दाँत का मंजन, साबुन, इत्र एवं दवा के रूप में लौंग के तेल का उपयोग होता है। गर्दन में दर्द या फिर गले की सूजन होने पर लौंग को सरसों के तेल के साथ मालिश करने पर दर्द समाप्त होता है। तो दोस्‍तों अब दिन में दो-तीन लौंग खाना बिल्‍कुल भी ना भूलियेगा क्‍योंकि यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिये बहुत ही अच्‍छी होती है। 

लौंग के कुछ असरदार फायदे |


पेट की खराबी दूर करे 

अगर उल्‍टी महसूस हो रही हो तो लौंग भून कर उसका पाउडर तैयार करें और उसके साथ शहद मिला कर चाटें। इसकी संवेदनाहारी क्रिया से पेट दर्द और उल्‍टी बंद हो जाती है। पेट में गैस होने पर एक कप उबलते हुए पानी में 2 लौंग को पीसकर डालें. उसके बाद पानी ठंडा होने के बाद पी लीजिए, पेट की गैस समाप्त हो जाएगी।

कटने-छिलने पर काम आए 
यह एक एंटीसेप्‍टिक है जिसका पेस्‍ट बना कर त्‍वचा के कटे छिले स्‍थान पर लगाने से वह ठीक हो जाता है। यह त्‍वचा पर जमे बैक्‍टीरिया का नाश करती है।

अर्थराइटिस दर्द दूर करे

यदि आप अर्थराइटिस के रोगी हैं तो आप लौंग खाइये और उसका पेस्‍ट बना कर अपने जोडो़ में लगाइये। यह औषधी बडी़ ही पुरानी है जो सदियों से चली आ रही है। इसका पेस्‍ट लगाते ही दर्द गायब हो जाएगा।

प्‍यार बढाए

 रिसर्च के अनुसार लौंग में इतनी ताकत होती है कि वह आपके अंदर के प्‍यार को बढा दे, इसलिये इसे कामोत्तेजक आहार भी कहा जाता है।

फ्री रैडिकल्‍स भगाए

 फ्री रैडिकल्‍स की वजह से त्‍वचा पर जल्‍द बुढापा दिखाई पड़ने लगता है। लेकिन आप लौंग खा कर बुढापे से जंग लड़ सकते हैं। इस मसाले में एंथोकाइनिन एंटीऑक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कि फ्री रैडिकल्‍स से लड़ने में प्रभावशाली होता है।

दांत दर्द भगाए 

अगर दातों में बहुत दर्द हो रहा हो, तो पांच लौंग पीस कर उसमें नीबू का रस निचोड़ कर दांतों पर मलने से दर्द दूर हो जाता है। सिर्फ यही नहीं पांच लौंग एक गिलास पानी में उबाल कर इससे नित्य तीन बार कुल्ले करने से दर्द ठीक हो जाता है। सडे़ हुए दांत पर लौंग का तेल लगाना चाहिए क्‍योंकि इसमें एन्‍टिसेप्‍टिक गुण पाए जाते हैं। 


सर्दी जुकाम का घरेलू उपचार...

पेट कि बिमारी,टोनसिल  का बढ़ना,नासा रोग आदि कारणों से बार बार जुकाम होता है |इसके अतिरिक्त वर्षा के जल में भीगना,ठण्ड लगना,धूप में घूमना,रात्री जागरण,दिन में सोना,अजीर्ण,बर्फ,आइस क्रीम,कोल्ड ड्रिंक आदि कारणों से सर्दी-जुकाम हो जाता है | स्वच्छ वायु के अभाव में देहात कि अपेक्षा नगरवासी इस रोग से विशेष पीड़ित रहते हैं |जुकाम होने पर बेचैनी,सम्पूर्ण बदन में दर्द,अंगराई,नाक-आँख से पानी आना,छींक,सर दर्द व भारीपन,खुश्की,अरुचि,स्वरभंग आदि विकार पैदा हो जाते हैं|जुकाम संक्रामक रोग होने से श्वास के संपर्क में रहने वालों को भी आक्रान्त कर देता है |
उपचार-
तात्कालिक कारणों से होने वाले जुकाम में गर्म जल का सेवन व उपवास सबसे बढ़िया नुस्खा है |सर को नंगा न रखकर गर्म कपड़ा बंधे रहें|अगर कब्ज हो तो साधारण दस्तावर दवा से पेट साफ़ कर लें |

  • ढाई सौ  ग्राम ताज़ा तुलसी के पत्तों के रस में सत्तर ग्राम मिश्री मिलाकर चाशनी बनाकर रखें |चौबीस ग्राम कि मात्रा में इसे चार-चार घंटे पर दें |
  • अदरक छ:ग्राम,तुलसी के पत्ते दस ग्राम और काली मिर्च पन्द्रह दाने लेकर आधा लीटर जल में पकाएं |एक चौथाई पानी बचे तो पन्द्रह ग्राम मिश्री मिलाकर  दिन में दो बार पीवें |
  • सुबह एक गिलास कुनकुने पानी में एक निम्बू निचोडकर पि लें |मीठे संतरे का रस कुनकुने पानी में मिलाकर पीवें |उपवास न कर सकें तो हल्का भोजन करें |
  • मिश्री पच्चीस ग्राम और कालीमिर्च पन्द्रह दाने को ढाई सौ ग्राम पानी में उबालें |चौथाई पानी बाकी रहने पर गर्मागर्म दो तीन दिन सुबह शाम पीवें |
  • आधा गिलास पतले ताज़ा दहीं में थोड़ी कालीमिर्च चूर्ण व गुड मिलाकर पीवें|
  • सुबह व शाम एक एक बादाम कि गिरी व काली मिर्च चबाकर खावें |
  • अगर नाक बंद हो जाए तो एक शीशी में चुना और नवसादर डालकर सूंघे |नाक खुल जायेगी |