सर्दी जुकाम का घरेलू उपचार...

पेट कि बिमारी,टोनसिल  का बढ़ना,नासा रोग आदि कारणों से बार बार जुकाम होता है |इसके अतिरिक्त वर्षा के जल में भीगना,ठण्ड लगना,धूप में घूमना,रात्री जागरण,दिन में सोना,अजीर्ण,बर्फ,आइस क्रीम,कोल्ड ड्रिंक आदि कारणों से सर्दी-जुकाम हो जाता है | स्वच्छ वायु के अभाव में देहात कि अपेक्षा नगरवासी इस रोग से विशेष पीड़ित रहते हैं |जुकाम होने पर बेचैनी,सम्पूर्ण बदन में दर्द,अंगराई,नाक-आँख से पानी आना,छींक,सर दर्द व भारीपन,खुश्की,अरुचि,स्वरभंग आदि विकार पैदा हो जाते हैं|जुकाम संक्रामक रोग होने से श्वास के संपर्क में रहने वालों को भी आक्रान्त कर देता है |
उपचार-
तात्कालिक कारणों से होने वाले जुकाम में गर्म जल का सेवन व उपवास सबसे बढ़िया नुस्खा है |सर को नंगा न रखकर गर्म कपड़ा बंधे रहें|अगर कब्ज हो तो साधारण दस्तावर दवा से पेट साफ़ कर लें |

  • ढाई सौ  ग्राम ताज़ा तुलसी के पत्तों के रस में सत्तर ग्राम मिश्री मिलाकर चाशनी बनाकर रखें |चौबीस ग्राम कि मात्रा में इसे चार-चार घंटे पर दें |
  • अदरक छ:ग्राम,तुलसी के पत्ते दस ग्राम और काली मिर्च पन्द्रह दाने लेकर आधा लीटर जल में पकाएं |एक चौथाई पानी बचे तो पन्द्रह ग्राम मिश्री मिलाकर  दिन में दो बार पीवें |
  • सुबह एक गिलास कुनकुने पानी में एक निम्बू निचोडकर पि लें |मीठे संतरे का रस कुनकुने पानी में मिलाकर पीवें |उपवास न कर सकें तो हल्का भोजन करें |
  • मिश्री पच्चीस ग्राम और कालीमिर्च पन्द्रह दाने को ढाई सौ ग्राम पानी में उबालें |चौथाई पानी बाकी रहने पर गर्मागर्म दो तीन दिन सुबह शाम पीवें |
  • आधा गिलास पतले ताज़ा दहीं में थोड़ी कालीमिर्च चूर्ण व गुड मिलाकर पीवें|
  • सुबह व शाम एक एक बादाम कि गिरी व काली मिर्च चबाकर खावें |
  • अगर नाक बंद हो जाए तो एक शीशी में चुना और नवसादर डालकर सूंघे |नाक खुल जायेगी |

No comments:

Post a Comment