आज अनेक प्रकार के कोल्ड ड्रिंक बाजार में उपलब्ध हैं-लेकिन उनका सेवन शरीर के लिए हानिकारक है जबकि अनेक अमृत पेय उपलब्ध हैं,जिनके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है,बुद्धि का विकास होता है |ऐसे उपयोगी पेय का सेवन करने से तन-मन तो स्वस्थ रहेगा ही,साथ ही साथ शक्ति व बुद्धि भी बढेगी |
छाछ(मत्ठा)
प्राचीनकाल से ही छाछ हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है |आखीर छाछ में क्या खूबियां है जो भगवान कृष्ण उसके लिए नाचने लगते थे |छाछ का सेवन करने से शरीर के हानिकारक तत्व मूत्र के रूप में बाहर निकल जाते हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है |छाछ पिने वाले व्यक्ति पर बीमारियाँ आक्रमण करने से घबराती हैं |भोजन के अंत में छाछ का सेवन करें तो वह अधिक लाभप्रद है |छाछ पिने से शारीरिक शक्ति बदती है|तन स्वास्थ्य रहता है |छाछ में सेंध नमक और अजवायन मिला कर पीना लाभप्रद है |दस्त होने पर छाछ का सेवन शहद के साथ करने से लाभ होता है |एक कप छाछ में एक चम्मच शहद पर्याप्त है |यह मिश्रण दिन में तीन चार बार लेने से दस्त ठीक हो जायेंगे |छाछ में जीरा और सेंध नमक मिलाकर पिने से बवासीर ठीक हो जाती है |
छोटे बच्चे दांत निकालते समय बहुत परेशान होते हैं |उस समय नुहे दूध कम पिलायें और छाछ अधिक |इससे उनके दांत बिना किसी कष्ट के निकल जायेंगे |पेट में क्षय रोग हो जाने पर छाछ रोजाना पिने से लाभ होता है |पेट दर्द में भी छाछ में हरा धनिया पिसा हुआ मिलाकर पिने से लाभ होता है |मोटापे से परेशान लोगों को छाछ पीना चाहिए |छाछ से मोटापा कम होता है |पेट में कीड़े हों तो सुबह-सुबह कुछ दिनों तक छाछ पिने से वे नष्ट हो जाते हैं |
जूस
शरीर को स्वस्थ रखने ,बुद्धि को विकसित करने,दीर्घायुश्य प्राप्ति एवं सुखमय जीवन के लिए जूस का प्रयोग करें |
- जूस से शरीर के लिए पोषक तत्व काफी मात्रा में मिल जाते हैं |
- जूस स्वास्थ्य व्यक्ति के लिए टोनिक व अस्वस्थ व्यक्ति के लिए दवा का काम करता है |
- जूस के पचाने में पाचनक्रिया को बहुत कम शक्ति खर्च करनी पड़ती है व समय भी कम लगता है |
- ज्वर,जुकाम,हार्ट,ब्लड प्रेशर,टी.बी,एड्स,केंसर के रोगियों को जूस देना अमृत देना है |
- जिन व्यक्तियों के दन्त अच्छे नहीं हैं या कृतं हैं या नष्ट हो गए हैं व फल-सब्जियों का जूस ले सकते हैं |
- नन्हे-मुन्नों के लिए जूस बहुत ही अच्छा है क्यूंकि व अनाज,फल,सब्जियां नहीं खा सकते |
गाय का दूध
गाय का दूध जितना सात्विक होता है ,उतना सात्विक दूध किसी का भी नही होता |इसके पिने से भूख शांत होती है तथा जीर्ण ज्वर,रक्तपित्त,थकावट आदि का नाश होता है |ग्रीष्म ऋतू में गाय के दूध की लस्सी पिने से सर दर्द तथा नेत्रों की जलन में आराम मिलता है |
नारियल पानी :
नारियल पानी अमृत पेय में अपना प्रमुख स्थान रखता है |कच्चे नारियल का पानी पिने में बहुत ही मधुर लगता है |इसमें गुलुकोज़ की बहुतायत मात्रा होती है |इसमें सभी पोषक तत्व होते हैं |जोप हमारे शरीर शरीर को शक्ति एवं स्फूर्ति प्रदान करते हैं |नारियल से तुरंत पानी निकाल कर ही सेवन करना चाहिए |पेट की बिमारी,पीलिया,गुर्दे की बिमारी तथा गर्भवती महिलायों के लिए उसका सेवन बहुत ही उत्तम है |
बेल का शर्बत
यह त्रिदोष शमन करने वाला,वमन को रोकने वाला,अग्निदीपक ,कटु,टिकट.दौर्बल्य नाशक,अर्श्नाश्क,अपान वायु की दुर्गन्ध दूर करता है |बेल की जढ,छल,पत्ते,बीज,गोंद सभी का उपयोग औषधि में होता है |लकड़ी यग्य के प्रयोग में आती है |पक्के फल का गुदा निकालकर शर्बत,मीठाई,मुरब्ब आदि बनाया जाता है |गर्मियों में पके बेल का शर्बत नियमित पिने से कायाकल्प होता है |यह आँतों को धोकर बल-वीर्य की वृद्धि करता है
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