हरी चाय (Green Tea) एक प्रकार की चाय होती है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। इसके बनाने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण न्यूनतम होता है। एक व्यस्क व्यक्ति द्वारा इसका नियमित सेवन कई रोगों से छुटकारा ही नहीं दिलाता बल्कि कई रोगों के प्रति शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। ग्रीन टी एंटी-एजिंग के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट का काम भी करती है।
अति व्यस्तता के कारण नियमित व्यायाम न कर पाने वाले लोगों के लिये उन्हें ग्रीन टी का नियमित सेवन करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है। यह चाय कालेस्ट्रोल को भी नियत्रित करने में सहायक होती है। इसका प्रयोग शरीर में उपापचय दर या वसा ऑक्सीकरण को भी बढ़ाता है। इसके सेवन से मस्तिष्क के उत्तकों को मृत होने से रोका जा सकता है। इसके सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी बचा जा सकता है।
अति व्यस्तता के कारण नियमित व्यायाम न कर पाने वाले लोगों के लिये उन्हें ग्रीन टी का नियमित सेवन करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है। यह चाय कालेस्ट्रोल को भी नियत्रित करने में सहायक होती है। इसका प्रयोग शरीर में उपापचय दर या वसा ऑक्सीकरण को भी बढ़ाता है। इसके सेवन से मस्तिष्क के उत्तकों को मृत होने से रोका जा सकता है। इसके सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी बचा जा सकता है।
हरी चाय में Antioxidants के रूप में शामिल हैं अत्यधिक शक्तिशाली एंटीबॉडी जिन्हें Polyphenols कहा जाता है. इसकी चिकित्सा शोध से पता चला है कि हरी चाय का कैंसर रोगों पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है.
दक्षिण पूर्व चीन के शोधकर्ताओं के एक दल ने पाया कि प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने का अध्यन करने के लिए जब इन कोशिकाओं को हरी चाय में रखा गया तों ये कोशिकाएं विकसित ही नहीं हुई . इससे यह भी पता लगा कि प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को हरी चाय का उपयोग करके 60% तक कम किया जा सकता है साथ ही यह भी पाया गया है कि इससे कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभाव भी कम हो गए.
ग्रीन चाय ट्यूमर की वृद्धि को रोकने में प्रभावी है. कई तरह के अध्यनों से साबित हो चुका है कि हरी चाय मूत्राशय कैंसर के विकास की संभावना को कम करती है.
महिलाओं के बीच सबसे आम कैंसर यानि की स्तन कैसर भी हरी चाय के उपयोग से रोका जा सकता है. हरी चाय में उपस्थित Polyphenols स्तन कैंसर की संभावना को कम कर सकते हैं.
ग्रीन चाय जीवाणुरोधी है, चीनी लोग इसका इस्तेमाल पानी को शुद्ध करने के लिए लगभग 5000 साल से कर रहें हैं. अमेरिकी राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार ग्रीन चाय मुंह के कैंसर के खिलाफ एक सुरक्षात्मक प्रभाव प्रदान करता है
हरी चाय (ग्रीन टी) पीने से मुंह के कैंसर और सांस संबंधी परेशानियों से बचने में मदद मिलती है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। इसराईल प्रौद्योगिकी संस्थान के एक दल द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि चाय में पाया जाने वाला ऑक्सीकरण रोधी पॉलीफिनॉल मुंह में उन तत्वों को खत्म कर देता है जो दांतों और सांस संबंधी परेशानियों के अलावा कैंसर तक के कारक बन सकते हैं।
नए अध्ययन के निष्कर्ष ‘सुपरफूड’ के रूप में हरी चाय का ओहदा और बढ़ा देंगे। पहले हुए अध्ययनों में भी संकेत मिले हैं कि हरी चाय कैंसर, दिल की बीमारी और यहां तक कि अल्जाइमर जैसे रोगों से लडऩे में मददगार साबित हो सकती है.
अब जानिये Green Tea (हरी चाय) के कुछ और लाभ एक नजर में :
दिल की बीमारी से बचना हो तो पीजिए हरी चाय! ऐसा ही कुछ कहना है वैज्ञानिकों का. इतना ही नहीं, उनका यह भी कहना है कि हरी चाय के तीन से चार प्याले आपको दिल की बीमारी से बचा सकते हैं
11 साल के शोध के दौरान यह बात सामने आई की जो व्यक्ति दिन में एक प्याला या उससे कम हरी चाय पीते थे उनकी मौत की संभावना का प्रतिशत ऐसे लोगों से 16 प्रतिशत ज़्यादा था जो एक दिन में पाँच या उससे ज्यादा हरी चाय के प्याले पीते हैं यानी एक दिन में पाँच या उससे ज़्यादा हरी चाय के प्याले पीने वाले व्यक्तियों की मौत की संभावना 16 प्रतिशत कम थी. पूरे शोध के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि हरी चाय से औरतों को ज़्यादा फ़ायदा होता है.
जापान में दिल के रोगियों की संख्या पहले से ही दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है और इसे कम रखने के लिए जापान की भोज्य प्रणाली इसमें काफी मददगार है. तीन से चार कप हरी चाय पीना यहां की भोज्य प्रणाली का ही एक हिस्सा है.
एक नये शोध से पता चला है कि रोजाना हरी चाय का सेवन करने से अल्जाइमर जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है.
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि दिन भर में हरी चाय यानी ग्रीन टी की कुछ चुस्कियों से तनाव को दूर किया जा सकता है
हरी चाय विटामिन और खनिज लवणों का भंडार है। विटामिन सी की जितनी मात्रा नींबू में होती है करीब-करीब उतनी ही हरी चाय में भी पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन बी होता है। एक दिन में पांच कप हरी चाय हमारे शरीर में रिबोफ्लेविन नाइसिन, फोलिक एसिड, पैन्थोथैनिक एसिड की 5-10 प्रतिशत मात्रा को पूरा करते हैं। इसके अतिरिक्त 5 प्रतिशत मैग्नीशियम, 25 प्रतिशत पोटेशियम की मात्रा की पूर्ति भी करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार हरी चाय स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम है और यह हृदयाघात, हृदय रोगों और कई प्रकार के कैंसर होने की संभावना को कम करती है। एक दिन में चाय के चार या पांच कप का सेवन उच्च रक्तचाप में भी कमी लाता है।
हरी चाय का प्रयोग न केवल पीने के लिए बल्कि इसके ओर भी कई फायदेमंद प्रयोग है।
- रेफ्रिजेटर से खराब गंध दूर भगाने के लिए रेफ्रिजेटर में चाय की कुछ पत्तियां रख दे।
- अगर आपको सिरदर्द की शिकायत है तो चाय के कुछ पत्ते सुखाकर अपने सिरहाने रख लें। सिरदर्द में आराम मिलेगा।
- आंखों में सूजन आने पर हरी चाय के टी-बैग 15 मिनट तक आंखों पर रखें। सूजन दूर हो जाएगी।
सौंदर्य प्रसाधनों में भी चाय का प्रयोग किया जा रहा है। फेशियल टोनर, सनब्लाक, माइस्चराइजर, शैम्पू, साबुन, क्रीम और फेस मास्क में इसका प्रयोग किया जा रहा है।
हरी चाय के अत्यधिक लाभ और मांग के चलते आजकल निम्न स्तर की और नकली हरी चाय भी बाजार में आने लगी है और बहुत सी कंपनियां अपने माल को सस्ता बेचने और ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में नकली चाय का भी प्रयोग करने लगीं हैं.
लेकिन अब भारत की ही एक आर्युवेदिक दवा निर्माता कंपनी ने इसी हरी चाय को एक कैप्सूल के रूप में पेश किया है जिससे हरी चाय का सेवन बहुत ही आसान हो गया है और इसके सभी पोषक तत्त्व ( जो उबालने से नष्ट हो जाते है ) भी नष्ट नहीं होते. और ऊपर बताई गया हर एक रोग इस कैप्सूल के सेवन से आसानी से दूर किया जा सकता है.
इस कैप्सूल में विश्व की सर्वश्रेष्ठ हरी चाय का उपयोग किया गया है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत बहुत ही अधिक है.
इस कैप्सूल के बारे में और अधिक जानकारी लेने या खरीदने के लिए आप संपर्क कर सकतें हैं :
kphs@in.com पर या फोन कर सकतें है : +91 9318010311 पर
इस कैप्सूल के बारे में सभी जानकारी ले लिए एक पावर पॉइंट फ़ाइल डाउनलोड की जा सकती है
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