शरीर के दूसरे अंगों के मुकाबले पैरों को धुल मिटटी का सामना ज्यादा करना पड़ता है|यही एडियों के फटने,नाख़ून टूटने,उँगलियों की सूजन,तलवों में दर्द वगेरह का कर्ण बन जाता है|इन समस्यायों को नज़रंदाज़ करने के बजाए इनका निदान ढूँढना चाहिए|कुछ आसान उपायों पर नज़र डालते हैं|
- गुगुने पानी में एक चम्मच नमक,दो बूंद लैवेंडर का तेल,दो बूंद पिपरमिंट का तेल और दो बूँद टी त्रि का तेल डालकर अपने पी भिगोएँ|यह पैरों की त्वचा की अंदरूनी सफाई करेगा और संक्रमण से भी बचायेगा|
- चंदन और चमेली के तेल को पानी में डालकर उबालें|इस पानी में तौलिया भिगोकर पाँव पोंछे|एडियों के नरम होने तक पैरों को साफ़ करें|इससे पैरों में नमी और चमक बरकरार रहेगी|
- पानी में निम्बू का रस मिलाए|उसमे पेपर नेपकिन भिगोएँ और पैरों पर लगाएं|इससे पैरों की बदबू की शिकायत दूर होगी|और ताजगी बनी रहेगी|
- सोने से पहले रोज नारियल के तेल से पैरों की मालिश करें,इससे पैरों को ठंडक मिलेगी और एरीया नही फटेंगी|चाहें तो कोई फ्रूट क्रीम भी इस्तेमाल क्र सकते हैं|
- सप्ताह में एक बार दूध में गुलाब की पंखुरियाँ डालकर मिश्रण तैयार क्र लें|इसे रूई की मदद से पैरों पर लगाएं|यह बेहतरीन पेडीक्योर है|दूध में मौजूद लेक्टिक एसिड कटी फटी एडियों के लिए फायदेमंद होता है|और पैरों की कोमलता बनाता है|
- कभी-कभी पैर के अंगूठे के किनारे काले पड जाते हैं|निम्बू के ऊपर चीनी बरकार अंगूठे पर रगरें
- डेड चम्मच वैसलिन में एक छोटा चम्मच बोरिक पावडर डालकर अछी तरह मिलाएं|तैयार मिश्रण को एडियों पर लगाएं|इससे एडियों की दरारों में जमा मेल निकल जायेगा|
- यदि नाख़ून बहुत तुतले हों तो गुनगुना जैतून का तेल पेट्रोलियम जेली या बादाम के तेल से मालिश करें|
- हाथ पैरों के नाख़ून हमेशा नहाने के बाद ही काटें|
- शरीर में केल्शियम की कमी होने या त्वचा के रूखे होने के कर्ण एडियाँ फटती हैं|दूसरा एडियों को तलवों की त्वचा मोती होती है इसलिए शरीर से निकलने वाला सीबम(प्राकृतक तेल)पैरों के तलवों तक नही पहुंच पता और पैरों की त्वचा खुरदरी हो जाती है|ऐसे में गुनगुने पानी में एक चम्मच सोडा,कुछ बूंदे डेटोल की डालकर मिला लें और पानी में पैर भिगोन दें|त्वचा फूलने पर प्यूमिक स्टोन से रगड़े फिर साफ़ पानी से धोकर नारियल तेल लगा लें|पैर मुलायम और साफ़ हो जायेंगे|
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