स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम फल एवं सब्जियों के रस...

विभिन्न फलों एवं सब्जियों के रस के उपयोग से रोगों को दूर भगा कर स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखा जा सकता है |कौन-कौन सा रस किस रोग के निवारण में उपयोगी है,इसका विस्तृत उल्लेख इस प्रकार है:

आंवले का रस:

आंवले में विटामिन'सी'अधिक मात्रा में पाया जाता है |आंवलों का ताज़ा रस मूत्र सम्बन्धी सभी शिकायतों में उपयोगी रहता है |दो-तीन महीनों तक आंवलो का ताज़ा रस पिने से वीर्य कि निर्बलता में लाभ मिलता है |आँखों को रौशनी बढाने में तथा बहरापन दूर करने में भी यह रस लाभप्रद है,साथ ही एसिडिटी कम करने,गठिया,सफेद बालों का बढ़ना रोकने,रक्त विकार,पीलिया एवं ह्रदय रोगों में भी आंवलों का जूस बहुत फायदेमंद होता है |

चुकंदर का रस:

चुकंदर में पाया जाने वाला'बीटीन'नामक खास तत्व ट्यूमर एवं कैंसर कि कि परवर्ती को शरीर से नष्ट करता है  |यह तत्व शरीर में रोगों से लड़ने कि क्षमता बढाता है,इसलिए खून कि कमी होने पर एक कप कि मात्रा में इसके रस को दिन में तीन बार पिने से लाभ होता है |गुर्दे सम्बन्धी रोगों को दूर करने के लिए एक कप चुकंदर का रस पिने से फायदा होता है |

पत्ता गोभी का रस:

इसका रस कफ,खांसी,रक्तदोष इत्यादि में उपयोगी होता है |खाना खाने से पहले एक कप रस दोनों समय पिने से केंसर के रोगी को काफी लाभ होता है|दन्त रोगों में भी इसका रस काफी फायदा करता है |

प्याज का रस :

एक छोटे चम्मच प्याज के रस में बराबर पानी मिलाकर छोटे बच्चों को दिन में तीन बार पिलाने से पेट के कीड़े   मर जाते हैं |२० ग्राम प्याज क्र रस में मिश्री मिला कर प्रात काल २० दिन तक सेवन करने से पथरी गल कर निकल जाती है |पीलिया रोग में १० ग्राम सफेद प्याज का रस,५ ग्राम हल्दी तथा १० ग्राम गुड मिलाकर सुबह शाम पिलाने से लाभ होता है |

गाजर का रस:

यह बहुत ही लाभदायक है |इसे किसी आई में किसी भी समय पि सकते हैं |जिन माताओं में दूध कि कमी पायी जाती है,वे गाजर का जूस रोजाना सेवन करने से इस कमी को दूर कर सकती हैं |केंसर रोगियों को भी इससे बहुत राहत मिलती है |यह रस आँखों व दांतों के लिए भी बहुत लाभदायक है |जिन रोगियों में खून कि कमी पायी जाती है,उन रोगियों को गाजर के रस का खूब सेवन करना चाहिए |गाजर का रस खून साफ़ करने के लिए भी किया जाता है |इसमें विटामिन ऐ  पाया जाता है जो आँखों के लिए काफी लाभदायक है |विटामिन ऐ कि विपुल मात्रा के साथ साथ वितामिन 'बी' 'सी' 'डी ''इ 'जी' 'वि के भी तत्व होते हैं |

पालक का रस:

इसमें विटामिन 'ऐ' 'बी' 'सी ' तीनों होते हैं |इसमें विटामिन ऐ व लौह तत्व अधिक होता है |पालक एक प्रकार से हरा  रक्त है |कब्ज दूर करने,दांतों व म्सूरों को मजबूत करने तथा पायरिया नष्ट करने में विशेष गुणकारी है |

टमाटर का रस 

इसमें विटामी 'ऐ' 'बी' 'सी' के अतिरिक्त साइट्रिक एसिड फास्फोरिक तथा मेंलिक एसिड  जैसे उपयोगी द्रव्य होते हैं |इसके रस में कब्ज को मिटाने,रोग ग्रस्त यकृत को स्वास्थ्य करने व रक्त को शुद्ध कर र्व्चा को चमकीली बनाने कि अद्भुत शक्ति है |

संतरे का रस:


इसमें विटामिन 'ऐ' 'बी'  'सी'तीनों विटामिन हैं |किन्तु विटामिन 'सी'अधिक मात्रा में है |१०० ग्राम संतरे का रस पूरे दिन कि वोतामिन 'सी'कि आवश्यकता पूरी कर देता है |उच्च रक्तचाप,ज्वर,रक्त कि कमी,दमा,जुकाम,अनिद्रा आदि रोगों के लिए भी उत्तम है |

मौसंम्बी  का रस:

इसमें बदिया फल-शर्करा के साथ साथ साइट्रिक एसिड विटामी 'ऐ' 'बी' 'सी' और उपयोगी क्षार होते हैं |

अनार का रस:

इसमें उच्चकोटि का सोडियम तथा पर्याप्त परिमाण में लौह ,विटामिन'सी'एवं टोनिक एसिड भी है |ये तत्व रक्त शक्ति वर्धक होने से शरीर को पुष्ट करते हैं |अतिसार,दस्त एवं संग्रहणी में बहुत लाभदायी हैं |आँतों के कृमियों के लिए अक्सीर उपाय है |इससे लीवर कि शक्ति और आँतों कि क्रियाशीलता बढती है |

सेब का रस:

इसमें विटामिन 'ऐ' 'बि१' 'बि२' 'बि३' 'पि' और सी' आदि एवं खनिज तत्व अधिक मात्रा में होते हैं |यदि सुबह खाली पेट लगभग २५० ग्राम ताज़ा सेब का रस पिया जाए तों वह शरीर को समस्त प्रकार के विष से मुक्त कर देता है |इसके रस से पीलिया के बाद लीवर भी कार्यशील हो जाता है |ह्रदय रोग और उच्च रक्तचाप के लिए यह बेहद उपयोगी है|

शहद और निम्बू का रस:

शहद और निम्बू का रस मिलाकर पिने से थकान,सुस्ती दूर करके स्फूर्ति देता है |शहद शक्ति प्रदान करता है |थकान,बेचैनी या कमजोरी में तत्काल शक्ति देता है |

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