वर्ष ऋतू अपने साथ अनेकों बीमारियाँ भी लाती है |वातावरण में नमी और गंदगी के कारण अनेकों तरह के जीवाणु और विषाणु इस ऋतू में पैदा होते हैं |मक्खी ,मच्छर,दूषित पानी,तथा खान-पान में अनियमितता के कारण ज्वर,त्वचा रोग,तथा उदर रोग की बीमारियों का लोग शिकार हो जाते हैं |गंदे व सीलन भरे जगहों में रहने वाले लोग ज्यादातर इन बीमारियों से ग्रसित होते हैं,नीचे इस ऋतू में सतानेवाले आम बीमारियों का उपचार प्रस्तुत है |
ज्वर:
मच्छरों के कारण मलेरिया बुखार का इस ऋतू में प्रकोप होता है |ज्वर से ग्रसित होने पर तुलसी,अदरक और काली मिर्च की चाय बनाकर पिए,गोमूत्र के सेवन से भी लाभ मिलता है |करंजादि वटी,क्युरिल,संजीवनी वटी व आयुष-६४ की गोलियाँ सेवन करें ,इससे सामान्य ज्वर और मलेरिया में लाभ होता है |
दस्त-
अनियमित व बासी भोजन करने से दस्त लग जाते है,दस्त होने पर सौंफ का सेवन करें,रात में भोजन के बाद अजवाइन का चूर्ण गर्म पानी से लें |गुलर के पत्ते को पानी में पीसकर पिए |पानी में निम्बू का रस शक्कर तथा थोडा सा नमक मिलाकर लें |हरे केले की सब्जी खाएं |पक्के जामुन में भुना जीरा ,कालानमक व अजवाइन मिलाकर सेवन करें |लवण भास्कर चूर्ण खाएं |इससे अजीर्ण जन्य दस्त में लाभ प्राप्त होगा |
आंव:
यदि दस्त में आंव व खून आ रहा हो,पेट में एंठन व मरोड़ हो तों सोंठ,मिश्री और खसखस सम भाग लेकर चूर्ण बना एक-एक चम्मच ३-३ घंटे पर अनार के रस या पानी से लें |पुदीन हरा,हिंग्वाष्टक चूर्ण या लवन भास्कर चूर्ण के सेवन से भी लाभ प्राप्त होगा,बेल का मुरब्बा या बेल या गुदा गुड के साथ सेवन करें |
जोड़ों का दर्द:
यदि जोड़ों में दर्द हो रहा हो तों सरसों का तेल में लहसुन की कली पकाकर इस तेल को गुनगुने आक्रान्त जोड़ पर मलें |पंचगुन तेल,चंदनबाला तेल,महानारायण तेल के मालिश से भी लाभ होता है |
फोड़े फुन्सियाँ:फोड़े फुन्सियाँ से छुटकारा पाने के लिए रात में त्रिफला चूर्ण पानी में भिगो दें |सुबह उठकर छान कर शहद मिला कर पी लें |मुल्तानी मिटती और नीम की छाल पीसकर फुंसियों पर लगाएं |पानी में नीम का पत्ता डालकर उबालें ओर उसी पानी से स्नान करें,त्रिफला चूर्ण में सेंधा नमक मिलाकर पानी के साथ लें |
गैस:
गैस की शिकायत होने पर हिंग्वाष्ट चूर्ण,लवन भास्कर चूर्ण,शिवाक्ष्ग्र पाचन चूर्ण टा पुदीन हरा का सेवन करें |काला नमक व निम्बू रस गर्मकर तथा खाने का सोडा डालकर चुसे |
इस ऋतू में जामुन की गुठली का चूर्ण खाते रहें |उदर की बीमारियाँ नहीं होंगी |कफ-पित्त रोग मिटेंगे |खाज-खुजली फोड़े फुन्सियाँ मिटेंगे |
No comments:
Post a Comment