मधुमेह को कैसे पहचाने तथा जाँच

मधुमेह को कैसे पहचाने:


 अगर आपको लगता है कि आप मधुमेह या डायबिटीज के शिकार हैं, तो तुरंत एक स्पेशलिस्ट से संपर्क कीजिए। जब आपका अग्न्याशय या पैंक्रियाज की आइसलेट सेल्स (islet cells) शरीर में इंसुलिन नहीं बना पातीं, तो टाइप- 1 डायबिटीज की स्थिति पैदा होती है; यह एक तरह का ऑटो इम्यून (auto immune) रोग है, जो इन अंगों को काम करने नहीं देता। टाइप- 2 डायबिटीज ज्यादातर जीवन-शैली (कम एक्सरसाइज और खाने में शुगर ज्यादा लेने) से जुड़ी होती है। डायबिटीज के लक्षणों और संकेतों, और इसकी जाँच-पड़ताल के बारे में जानना जरूरी है, ताकि अगर आप इससे पीड़ित हों, तो जितनी जल्दी हो सके, इलाज शुरू किया जा सके।

मधुमेह के लक्षणों की पहचान :

.इन लक्षणों से सावधान रहें: 

अगर नीचे दी गयी सूची के इन लक्षणों में से दो या उससे ज्यादा आपमें दिखाई पड़े तो बेहतर होगा कि आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। टाइप- 1 और टाइप- 2 डायबिटीज के सामान्य लक्षणों में ये बातें शामिल हैं |

  • अत्यधिक प्यास लगना
  • अत्यधिक भूख लगना
  • नजर का धुंधलापन
  • बार-बार मूत्र त्याग (जब रात में आपको 3 बार या उससे ज्यादा उठना पड़े)
  • थकान (खासकर खाना खाने के बाद)
  • चिड़चिडापन
  • घाव न भर रहे हों या धीरे-धीरे भरें

अपनी लाइफस्टाइल की ज़रा पड़ताल कीजिये: 

निष्क्रिय जिन्दगी (बहुत कम या लगभग बिना एक्सरसाइज के) जीने वाले लोगों में टाइप- 2 डायबिटीज का जोखिम ज्यादा होता है। ज्यादा वजन वाले या मोटापे के शिकार लोग, या जो जरूरत से ज्यादा मीठा और परिष्कृत या रिफाइंड कार्बोहायड्रेट (refined carbohydrates) खाते हैं, उनमें भी टाइप- 2 डायबिटीज की संभावना ज्यादा रहती है
  • गौर करें कि टाइप- 2 डायबिटीज का अगर कोई शिकार होता है, तो अक्सर वह अनियंत्रित जीवनशैली से जुड़ी है, जबकि टाइप-1 डायबिटीज अगर किसी को है तो वह उसके जन्म के साथ भी हो सकती है। यानी यह बचपन से ही उसके साथ रहती है।


मधुमेह के निदान के लिए जाँच कराना:




किसी फिजिशियन से जाँच कराएँ: आपके खून में ग्लूकोज का पता लगाने के लिए एक आम फिजिशियन दो अलग-अलग टेस्ट करा सकता है।[४] आम तौर पर, डायबिटीज की जाँच के लिए फास्टिंग ब्लड टेस्ट किया जा जाता है, लेकिन एक यूरिन टेस्ट भी किया जा सकता है।
  • खून में ग्लूकोज की सामान्य मात्रा 70 से 100 के बीच होती है।
  • अगर आप डायबिटीज के बॉर्डरलाइन ("प्री-डायबिटिक") पर हैं, आपका ब्लड शुगर लेवल 100 से 125 के बीच होना चाहिए।
  • अगर यह स्तर 126 से ऊपर है, तो आपको डायबीटीज है
खून में HbA1c (हीमोग्लोबिन A1c) के स्तर की जाँच कराएं:] यह एक नया टेस्ट है जो आजकल कुछ डॉक्टर डायबीटीज के लिए कराते हैं। यह आपके रेड ब्लड सेल्स (red blood cells) के हीमोग्लोबिन (एक तरह का प्रोटीन) को देखता है और गिनता है कि इससे कितना शुगर जुड़ा हुआ है। इसका स्तर जितना ज्यादा होगा, इससे उतना ही ज्यादा शुगर जुड़ा है, जो आपको ज्यादा शुगर होने के जोखिम को सीधे तौर पर बताता है।(आखिरकार, आपके खून में छिपे हुए शुगर की ज्यादा मात्रा ही तो डायबिटीज है)।
  • HbA1c और औसत ब्लड शुगर लेवल के सम्बन्ध की व्याख्या इस प्रकार है। HbA1c का लेवल 6, ब्लड शुगर के लेवल 135 के बराबर है। HbA1c का लेवल 7, ब्लड शुगर के लेवल 170 के बराबर है। HbA1c का लेवल 8, ब्लड शुगर के लेवल 205 के बराबर है। HbA1c का लेवल 9, ब्लड शुगर के लेवल 240 के बराबर है। HbA1c का लेवल 10, ब्लड शुगर के लेवल 275 के बराबर है। HbA1c का लेवल 11, ब्लड शुगर के लेवल 301 के बराबर है।
  • ज्यादातर लैब्स में, HbA1c की समान्य रेंज 4.0% से 5.9% के बीच होती है। ढीले-ढाले नियंत्रण वाली डायबिटीज में यह 8.0% या उससे ऊपर होती है, और अपने डायबिटीज पर पूरी तरह से काबू पाए हुए मरीज में यह 7.0% से कम होती है।














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